इसरो ने रचा नया किर्तिमान - know about What is IAD? जानें पुरी जानकारी हिन्दी मे।

 इसरो ने रचा नया किर्तिमान। 

क्या है  IAD?

What is IAD - Malakar Blog
What is IAD - Malakar Blog 


नमस्कार दोस्तों, Malakar Blog में आपका स्वागत है।

आज हम बात करने जा रहे हैं भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन या Indian space research organisation ISRO द्वारा किए गए नए सफल परीक्षण, जो कि हमारे देश के लिए एक गेम चेंजर साबित होंगा। इसकी सहायता से भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में नई-नई उपलब्धियां हासिल करेगा और भारत के द्वारा किए जा रहे आने वाले अंतरिक्ष मिशन में यह अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

तो आइए जानते हैं कि इसरो (ISRO) का यह नया किर्तिमान क्या है? और यह किस प्रकार से महत्वपूर्ण है?

Indian Space Research Organisation - ISRO 


3 सितम्बर 2022

भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संस्था ने अपने अंतरिक्ष मिशन के क्षेत्र नया कदम रखा है। यह नया प्रयोग इसरो को अन्तरिक्ष अनुसन्धान के क्षेत्र में नई ऊंचाई देगा इसरो ने एक नई प्रकार की तकनीक का सफ़ल परिक्षण किया है, जो कि इसरो के भविष्य के मंगल मिशन तथा शुक्र मिशन के लिए कारगर साबित होगा। यह तकनीक अंतरिक्ष मे रोकेट को दुसरे ग्रह की सतह पर सफ़लता पुर्वक उतरने मे मदद करेगा। 

आइये जानते है इस नई तकनीक के बारे मे, क्या है यह तकनीक? और यह इसरो के लिए कैसे मददगार साबित होगी।

रोहिणी साउंडिंग रॉकेट (Rohini  sounding rocket)
रोहिणी साउंडिंग रॉकेट (Rohini  sounding rocket)  




Inflatable Aerodynamic Decelerator (IAD)
ज्वलनशील वायुगतिकीय डिसेलेरेटर 

विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर
विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर


इसे बनाने का कार्य विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (Vikram Sarabhai Space Centre) मे किया गया है। इसे थुम्बा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन (Thumba Equatorial Rocket Launching Station) से लॉन्च किया गया। जिसमें रोहिणी साउंडिंग रॉकेट (Rohini sounding rocket) का इस्तेमाल किया गया।


इसरो के अनुसार IAD को स्पेस स्टेज रिकवरी के लिये बनाया गया है। आपको बता दे कि इस रोहिणी राकेट सीरिज को इसरो के द्वारा ही विकसित किया गया है। इस तकनीक से स्पेस मे राकेट कि लैंडिंग आसान कर देगा।


विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर
विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर



IAD के साथ रेडियो टेलीमेट्री ट्रांसमीटर (Radio Telemetry Trasmeter) और माइक्रो वीडियो इमेजिंग सिस्टम (Micro Video Imaging System) का भी परिक्षण किया गया है। इसरो के अनुसार IAD को शुरू में मोड़ा गया और रॉकेट के पेलोड-बे के अंदर रखा गया। इसके बाद लगभग 84 किलोमीटर की ऊंचाई पर IAD को फुलाया गया फिर यह रॉकेट के पेलोड हिस्से के साथ वायुमंडल में नीचे उतरा। 


इस तकनिक के साथ इसरो अंतरिक्ष अनुसन्धान के क्षेत्र नये किर्तिमान हासिल करेगा। तथा इससे भारत का दबदबा अंतरिक्ष के क्षेत्र में और अधिक बड़ेगा।


FAQ'S 

Q. IAD क्या है?

IAD means Inflatable Aerodynamic Decelerator (IAD) यानी ज्वलनशील वायुगतिकीय डिसेलेरेटर 
इसे अन्तरिक्ष यान को सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए विकसित किया गया हैं।

Q. IAD को कहां से लॉन्च किया गया?

इसे थुम्बा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन से लॉन्च किया गया।

Q. IAD को लॉन्च करने में किस रॉकेट का उपयोग किया गया?

IAD ko लॉन्च करने के लिए रोहिणी साउंडिंग रॉकेट (Rohini sounding rocket) का इस्तेमाल किया गया।



यह थी ISRO द्वारा किए गए नए परीक्षण IAD के बारे में जानकारी।
आपको मेरी यह पोस्ट "इसरो ने रचा नया किर्तिमान - know about What is IAD? जानें पुरी जानकारी हिन्दी मे"  आपको कैसी लगी, मुझे comments के माध्यम से जरूर बताए।

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