INS VIKRANT
2 सितम्बर 2022
नमस्कार दोस्तों, Malakar Blog में आपका स्वागत हैं।
दोस्तों आज कल आपने इटंरनेट पर और न्युज चेनल पर INS विक्रांत नाम की खूब चर्चा सुनी होगी और आपके मन में यह सवाल आया होगा कि आखिर क्या है यह INS विक्रांत? जिसके बारे मे सब इतनी बातें कर रहे है।
तो आईये बात करते है, INS विक्रांत की और जानते है इसके बारे मे।
INS VIKRANT क्या है?
पुनर्निर्माण/नवीकरण
अगस्त 2013 में भारत सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार इसका बड़े पैमाने पर नवीकरण किया जाना था। पुनर्निर्माण का प्रथम चरण पूरा होने के पश्चात् 12 अगस्त 2013 को इसके नये अवतार को समुंदर में उतारा गया। फाइटर विमान को उड़ान भरने में सहायता प्रदान करने के लिए इसमें 37,500 टन का रैम्प लगाया गया है। इसके निर्माण मे लगभग 20,000 करोड का आनुमनित खर्च आया है।
INS Vikrant के निर्माण के दूसरे चरण में जहाज के बाहरी हिस्से की फिटिंग, विभिन्न हथियारों और सेंसरों की फिटिंग, विशाल इंजन प्रणाली को जोड़ने और विमान को उसके साथ जोड़ने का काम पूरा किया गया। जिसके पश्चात् 10 जून 2015 को जलावतरित किया गया। विक्रान्त जहाज के व्यापक परीक्षणों के पश्चात् वर्ष 2017-18 के आसपास आईएनएस विक्रांत को भारतीय नौसेना को सौंपने की योजना थी, किन्तु कोरोना महामारी तथा अन्य कुछ तकनीकी आवश्यकता की पूर्ति न होने के कारणो से इसके नौसेना मे सम्मिलित होने में विलम्ब हुआ।
इतने विलंबो के पश्चात् 2 सितम्बर 2022 को माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द मोदी जी के द्वारा INS Vikrant का आनावरण किया गया तथा इसे भारतीय नौसेना मे अधिकारिक रुप से शामिल किया गया।
विशेषताएं व क्षमता
- यह भारत का पहला स्वदेशी विमान वाहक (आईएसी - इन्डिजनस एयरक्राफ्ट कैरियर) पोत है।
- इस जहाज की लम्बाई लगभग 260 मीटर और इसकी अधिकतम चौड़ाई 60 मीटर है।
- यह 56 किलोमीटर प्रतिघन्टा की गति से चल सकता है।
- इसमे 1.10 लाख हॉर्सपॉवर की क्षमता के इंजन लगे हुए है।
- नए विक्रांत में 1700 नेवी ऑफिसर्स या कर्मचारी रह सकते हैं|
- पुराने विक्रांत में अस्पताल नहीं था. नए विक्रांत में जांच लैब के साथ 16 बेड का अस्पताल भी है।
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सेवानिवृत्ति
अप्रैल 2014 में सरकार द्वारा पहले आईएनएस विक्रांत (पुराना संस्करण) पोत को सेवानिवृत होने के पश्चात कबाड़ में बेचने का निर्णय ले लिया गया था। तथा एक नीलामी के जरिए इस युद्धपोत को 60 करोड़ रुपये में एक प्राइवेट कंपनी आईबी कमर्शल प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया गया था। चूंकि आईएनएस विक्रांत भारतीय सेना का गौरव रहा हैं , इसलिए इसके कबाड़ में बेचे जाने के निर्णय का काफी विरोध हुआ। पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल अरुण प्रकाश जी ने इस फैसले पर खेद व्यक्त करते हुए, इस ऐतिहासिक युद्धपोत को युद्ध संग्रहालय में बदलने की कार्ययोजना प्रस्तुत की, जिससे कि आम भारतीय जनता इसके संग्रालय के जरिए भारत के गौरवशाली युद्धपोत व उससे जुड़े इतिहास को जान सकें।
INS विक्रांत के पुनर्निर्माण के बाद 2 सितम्बर 2022 को भारत देश को उसका पहला स्वदेशी तकनीक से नवनिर्मित एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत मिला जिसे भारत के माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा indian navy (भारतीय नौसेना) को सौंप दिया गया।
FAQ's
Q.भारत के पास कितने एयरक्राफ्ट कैरियर है?
Q. INS विक्रांत कब बनना शुरू हुआ?
Q. भारत का पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत कौन सा है?
Conclusion
तो दोस्तों यह थी भारत के पहले स्वदेशी निर्मित विमानवाहक युद्धपोत INS Vikrant के बारे में छोटी सी किंतु महत्वपूर्ण जानकारी। आशा करते है, आपको "INS VIKRANT क्या है? भारत की समुद्री सीमा का सिपाही - पूरी जानकारी हिन्दी मे" पसंद आई होगी।
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