क्या रूपया बनेगा नई Global Currency? What is Rupee Trade Settlement Mechanism In Hindi?

क्या Rupee बनेगा नई Global Currency?

क्या Rupee बनेगा नई Global Currency? - Malakar Blog
क्या Rupee बनेगा नई Global Currency? - Malakar Blog 


Written By :- Rahul R Malakar


नमस्कार दोस्तों,  Malakar Blog में आपका स्वागत है।


दोस्तों हम सभी जानते है, कि विश्व में जितना भी अन्तराष्ट्रीय Trade/व्यापार होता है, वह सब डॉलर में किया जाता है। क्योकि डॉलर एक मजबूत ग्लोबल करंसी है। 

इसलिए दोस्तों पिछले कुछ समय में अन्तराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की स्थिति काफी मजबूत हुई है। जिसकी वजह से कई देशों की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा है। कई देशों की अर्थव्यवस्था काफी नीचे गिर गई हैं तो कुछ देशों की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से डूब गई हैं।

इन सभी देशों के आर्थिक रूप से कमजोर हो जाने के कारण वैश्विक व्यापार में भी इसका असर दिखाई पड़ रहा हैं। इसलिए इस समय विश्व को Global Currency के रूप में एक अन्य विकल्प की तलाश हैं।

इसी संबंध में खबर निकल कर आ रही है, कि लगभग 35 देशो ने भारत के साथ रूपए में Trade करने में रुची दिखायी है।   



इस ख़बर के साथ ही साथ इस पोस्ट के माध्यम से आप जानेंगे कि Rupee Trade Settlement Mechanism क्या होता हैं?

तथा 

वोस्टरो अकाउंट (Vostro Account) क्या होता हैं? और इसका उपयोग कैसे किया जाता हैं?


तो दोस्तों क्या है यह खबर? क्या रूपया बनेगा नई Global Currency?

आईये मै आपको इसके बारे में विस्तार से बताता हूँ। 



क्या Rupee बनेगा नई Global Currency?


दोस्तों आपको याद होगा अभी कुछ समय पहले जुलाई 2022 में Reserve Bank of India (RBI) ने Rupee Trade Settlement Mechanism की शुरुआत की थी। असल में इसकी शुरुआत रशिया के साथ Trade करने के लिए की गई थी। क्योकि रूस पर USA की सरकार के द्वारा डॉलर में Trade करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है, जिसकी वजह से भारत व अन्य देश रूस के साथ डॉलर में Trade नही कर पा रहे थे। 


इसलिए इस Rupee Trade Settlement Mechanism सिस्टम की शुरुआत की गई थी। परन्तु अब यह सिस्टम केवल रशिया तक सिमित नहीं रहेगा। क्योकि यदि हम इस Rupee Settlement सिस्टम की बात करे, तो हम इसके जरिये विश्व में डॉलर के स्थान पर रूपए में Trade कर सकते है, तथा रूपए में International Transaction कर सकते है। 


इसके कारण अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में रूपए की वेल्यु बढेगी तथा रूपया एक नई अन्तराष्ट्रीय करंसी के रूप में उभरेगा। इससे भारत को तथा अन्य देशो को अन्तराष्ट्रीय व्यापार करने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी। 


International Media के सूत्रों के माध्यम से  बताया जा रहा है कि श्रीलंका और रूस के साथ रूपए में सेटलमेंट शुरू हो चूका है। और श्रीलंका की सरकार चाहती है कि भारतीय रूपए को श्रीलंका में फोरेन करंसी के रूप में Declare किया जाये। जिससे की भारतीय रूपए का श्रीलंका में आसानी से Transaction कर पाए तथा वहां के बाजारों में भी भारतीय रूपए का उपयोग आसान हो पाए। 


लेकिन सबसे बड़ी खबर तो यह निकल के आ रही है कि लगभग 30 से 35 देश जो की एशिया , यूरोप और अफ्रीका क्षेत्र में स्थित है। वह भारत के साथ रूपए में व्यापार करना चाहते है। जिसको लेकर इस समय इन देशो की भारत सरकार के साथ चर्चा चल रही है। और जल्द ही इन देशो के साथ रूपए में व्यापार करने में सहमती बन सकती है। कई देशो ने भारत के साथ रुपये में ट्रेड करने की इच्छा दिखाई है। आने वाले समय में इन देशो के साथ भारत का Import और Export भारतीय रूपए में होने की संभावनाए हैं। 


अब प्रश्न आता है कि 


यह Rupee Trade Settlement Mechanism क्या होता है? 


What is Rupee Trade Settlement Mechanism In Hindi

दरअसल जितना भी विश्व बाजार या अन्तराष्ट्रीय बाजार में जितना भी ट्रेड (Import और Export) होता है, उसके पेमेंट करने के लिए एक मजबूत अन्तराष्ट्रीय करंसी की आवश्यकता पड़ती है। चुकी इस समय डॉलर एक मजबूत अन्तराष्ट्रीय करंसी बनी हुई है। इस कारण ज्यादातर अन्तराष्ट्रीय व्यापार में डॉलर का ही उपयोग किया जाता है। इसी वजह से सभी देशो को जो कि विदेशी बाजारों में व्यापार करते है, उन्हें फोरेक्स रिज़र्व रखना पड़ता है। 


यह फोरेक्स रिजर्व जितना आधिक होता है। उतना ही देशो के लिए अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार करना आसान होता हैं। भारतीय रिसर्व बैंक (RBI) के पास भी अमेरिकी डॉलर फोरेक्स रिसर्व में जमा है। जिसका उपयोग भारत विदिशो से व्यापार करने में करता है। 


अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में व्यापार करने के लिए डॉलर का उपयोग किस तरह से किया जाता है?


दोस्तों इसे समझने के लिए आप मान लो की आप एक भारतीय व्यापारी है, और आपको यूरोप के किसी देश से कुछ वस्तु Import करना है। तो आपको उसकी Payment करने के लिए सबसे पहले आपको आपके पेसो को रूपए से डॉलर में बदलना पड़ेगा। 


डॉलर में कन्वर्ट करने के बाद आप उसे अन्तर्राष्ट्रीय बैंक के द्वारा यूरोप के देश में उस व्यक्ति को भेज पाएंगे। जिससे की आपने सामान Import किया है। अब वह व्यक्ति उस Payment को चाहे तो डॉलर से यूरो में कन्वर्ट कर सकता है। 


अभी इसी प्रकार से अन्तराष्ट्रीय पेमेंट की जाती है। लेकिन इस तरीको से Payment करने में ट्रांजेक्सन फीस के साथ ही करंसी को कन्वर्ट करने की फीस भी देनी पड़ती है। क्योकि हम अमेरिकी डॉलर में पेमेंट करते है। इसलिए Payment को अमेरिका की अन्तराष्ट्रीय बैंक के द्वारा किया जाता है। जिसके लिए हमे तथा उस अन्य देश को जिससे की हमने Import किया है, को कुछ अमाउंट Pay करना होता है।  


इन्ही कारणों की वजह से कई बार विदेसी व्यापार में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार आधिक ट्रांजेक्सन होने के कारण डॉलर की मांग बाद जाती है। जिसकी वजह से ट्रांजेक्सन और कन्वर्सन चार्जेज बड़ा दिए जाते है। 


और इससे Import की गई वस्तु का मूल्य और आधिक बड़ जाता है। अब यदि ऐसे में हम बिना डॉलर में कन्वर्ट कर सीधे रूपए में पेमेंट कर पाए तो इससे अन्तर्राष्ट्रीय ट्रेड आसान तथा फायदेमंद हो सकता है।  


लेकिन दोस्तों यदि हम भारतीय करंसी को ग्लोबल करंसी बनाना चाहे, तो इसके लिए जरुरी होगा की वे सभी देश जिनसे हमे व्यापार करना है। वह भारतीय रूपए को Global Currency के रूप मे मान्यता दे और स्वीकार करे।

इसके लिए भारतीय सरकार को कुछ बातो का ध्यान रख कर अपनी नीतियों में कुछ आवश्यक बदलाव करना होगा। जैसे केपिटल फलोस और चीजों को लिबरलाइजेशन करना तथा ट्रेड का लिबरलाइजेशन करना होगा। तब आगे चलकर भारतीय रूपया ग्लोबल करंसी की श्रेणी में आ पायेगा। 


अब प्रश्न आता है कि


कौन कौन से देश भारत से रूपए में व्यापार करना चाहते है? और रूपए में ट्रेड करने में सहमत है?

तो दोस्तों आपको बता दें कि अभी कुछ देशो ने रूपए में ट्रेड करने में अपनी इच्छा प्रकट की है। जिसमे सेंट्रल एशिया का देश तजाकिस्तान के द्वारा मांग की जा रही है। वही क्यूबा जो की एक कैरीबियाई देश है। तथा अफ़्रीकी देश सूडान और यूरोप के कुछ देश है, जो कि भारत से Rupee Trade Settlement के लिए बात कर रहे है। इन सब के आलावा वह देश जिनके पास डॉलर की कमी है, वह भारत से रूपए में ट्रेड करना चाहते है। 


अभी उन्हें ट्रेड करने के लिए डॉलर की जरुरत होती है। ऐसे में भारत सरकार द्वारा उन देशो को जो कि डॉलर की कमी के कारण पेमेंट नही कर पा रहे है। उन्हें आश्वासन दिया गया है तथा उन्हें भारतीय करंसी रूपए में पेमेंट करने के लिए कहा गया है।


इस तरह से भारत Rupee Trade Settlement Mechanism को बड़ा सकता है। और यह वैश्विक व्यपार के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला देगा। क्योकि इस बारे में अभी तक किसी ने सोचा नही था, की भारतीय रूपया अन्तराष्ट्रीय मुद्रा बन सकता है। अभी तक आपने वेदेशी मुद्रा में डॉलर , यूरो और पाउंड के बारे में सुना होगा। क्योकि यही ज्यादातर प्रसिद्द करंसी है, जिनकी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मांग है।  


कई देश अपनी करंसी को ग्लोबल करंसी बनाने की कोशिश कर चुके है। तथा वह सफल नही हो पाए जिसमे रशिया और चीन शामिल है। ऐसे में यदि भारतीय रूपया अन्तराष्ट्रीय मुद्रा बनता है, तो यह वैश्विक व्यापार के क्षेत्र में भारत की एक नई शुरुआत होगी। इससे भारत तथा अन्य देशो को बहुत सारे फायेदे होंगे। 


रुपये के अन्तराष्ट्रीय मुद्रा बनने के क्या फायदे है?

रुपये के अन्तराष्ट्रीय मुद्रा बनने के कई सारे फायेदे होंगे। 

भारत की छवि विश्व स्तर मजबूत होगी। 

भारत का ट्रेड डेफिसीएट कम होगा। 


आप यह जानते है कि पिछले कुछ वर्षो में डॉलर काफी मजबूत करंसी बन गया है। जिसकी वजह से भारत समेत कई देशो का ट्रेड डेफिसीएट बड़ गया है। 

कई देश जैसे श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से दिवालिया हो गई है और भविष्य में कई अन्य देश की अर्थव्यवस्था दिवालिया होने की श्रेणी में आने वाले है। क्योकि उनके पास फोरेक्स रिज़र्व बहुत तेजी से कम हो रहे है। और इसकी वजह है डॉलर का अधिक मजबूत होना।


डॉलर की मजबूती का कारण क्या है?

डॉलर की मजबूती का कारण यह है कि कोरोना महामारी के आ जाने से कई देशो ने lockdown का सामना किया। जिससे की सभी देशो की अर्थव्यवस्था पर इसका बुरा प्रभाव पड़ा। कई देशो की GDP अपने सबसे निचले स्तर तक चली गई। 


ऐसे में निवेशको ने डॉलर जो की ग्लोबली सबसे ज्यादा Use होने वाली करंसी है, में अपने निवेश को बड़ा दिया। डॉलर के आधिक मांग के कारण इसकी वेल्यु में वृधि होने लगी और इस कारण सभी देशो का ट्रेड डेफिसीएट बढाने लगा। वस्तुओं का Import और अधिक महंगा हो गया। 


इससे महंगाई में वृधि हुई, कई देशो में इस बड़ी हुई महंगाई का उनकी अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा। इस स्थिति के कारण वे काफी चिंतित है. और डॉलर के अल्टरनेटिव की खोज में है। 


ऐसे में भारत एक ऐसे देश बन कर उभरा है, जिसकी अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। इसलिए भारत की करंसी पर अन्य देशो का भरोसा बड़ा है, वह भारत की करंसी को एक अल्टरनेटिव के रूप में पसंद कर रहे है।  


अब सवाल यह आता है कि भारत की करंसी का ग्लोबली उपयोग कैसे किया जा सकता है? 

इसका जवाब है वॉस्त्रों अकाउंट


वोस्त्रो अकाउंट क्या है?


तो दोस्तों अपने वोस्त्रो अकाउंट के बारे में सुना होगा। अभी हाल के समय में इसकी काफी चर्चा हुई थी। दोस्तों यह एक ऐसा अकाउंट है जो कि किसी विदेशी व्यक्ति के द्वारा भारत की बैंक के अन्दर खोला जायेगा।  


उदहारण के लिए मान लें कि एक बैंक है SBI तथा एक व्यापारी है, जो कि जर्मनी देश का नागरिक है। तो वह व्यक्ति भारत में SBI बैंक से संपर्क करेगा और अपना वोस्त्रो अकाउंट खोलने के लिए अप्लाई करेगा। अब SBI बैंक उस व्यक्ति का अकाउंट खोलने के लिए RBI से परमीशन लेगा कि एक जर्मन व्यापारी SBI बैंक में Rupee Trade Settlement के लिए अकाउंट खोलना चाहता है। 


तो अब यदि RBI परमीशन दे देती है । SBI बैंक उस व्यक्ति का अकाउंट खोल सकती है। तो यह अकाउंट उस व्यक्ति का वोस्त्रो अकाउंट कहलायेगा। 


यह वोस्त्रो अकाउंट किस तरह से कार्य करेगा?

तो दोस्तों मान लो की वह जर्मन व्यापारी जिसने वोस्त्रो अकाउंट खोला है। वह भारत से किसी वस्तु का Import करता है, तो इसके लिए उसे पेमेंट करनी होगी। यह पेमेंट करने के लिए  लिए वह वोस्त्रो अकाउंट का उपयोग करेगा। 


वह व्यक्ति रूपए में पेमेंट वोस्त्रो अकाउंट में भेजेगा तथा यह पेमेंट उसके SBI के वोस्त्रो अकाउंट में जमा हो जायेगा। अब यदि भारत से कोई व्यापारी जर्मनी से किसी वस्तु का Import करता है तो वह इस वोस्त्रो अकाउंट के जरिये पैसो का ट्रांजेक्सन कर सकता है। यानि इस वोस्त्रो अकाउंट के जरिये पैसो का लेन-देन आसान हो जायेगा। 


अभी हाल ही में श्रीलंका और रूस के साथ वोस्त्रो अकाउंट खोला गया है तथा कुछ रिपोर्टरों का कहना है कि मोरिसस के साथ भी वोस्त्रो अकाउंट खोला गया है मतलब की इन देशो के साथ रूपए ट्रेड सेटलमेंट शुरू हो चूका है। 


FAQ’s 

Q. Rupee Trade Settlement Mechanism क्या होता हैं?

Rupee Trade Settlement Mechanism (RTSM) एक प्रणाली है जो भारत और अन्य देशों के बीच की व्यापार स्थितियों को भारतीय रूपये में सुलझाने की समस्या का समाधान करता है। इसे भारत और अन्य देशों के बीच की व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने, साथ ही भारतीय रूपये को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा के रूप में उपयोग करने की प्रोत्साहना करने के लिए किया गया था।


Q. वोस्टरो अकाउंट (Vostro Account) क्या होता हैं?

वोस्टरो अकाउंट (Vostro Account) किसी बाहरी बैंक (Foreign Bank) के द्वारा बनाए गए खाते को कहा जाता है। यह बाहरी देश के बैंक द्वारा एक देश के अन्य बैंक के खाते में रखा जाने वाला खाता होता है। इससे बैंक को अपने देश के बाहरी देश के बैंकों के साथ काम करने की सुविधा मिलती है।l


Q. आरबीआई क्या है? 

RBI यानि Reserve Bank of India या भारतीय रिजर्व बैंक
यह भारत का केंद्रीय बैंक है, जो कि भारत सरकार द्वारा संचालित होता है। भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 के तहत इसका गठन किया गया। तब इसका मुख्य कार्य बैंको का रेगुलेशन का काम करना होता था फिर स्वतंत्रता के बाद 1949 में इसका राष्ट्रीकरण कर दिया गया । 
 

Q. डॉलर से ज्यादा मजबूत कौन सी मुद्रा है?
कुवैती दिनार डॉलर से भी ज्यादा मजबूत करेंसी मानी जाती हैं। 1 कुवैती दिनार 3.26 डॉलर के बराबर और 268 भारतीय रुपए बराबर हैं।


Q. भारत की करेंसी कितने नंबर पर आती है?
2023 की करेंसी लिस्ट में भारतीय मुद्रा "रुपया" 40वें पायदान पर हैं।



तो दोस्तों उम्मीद है कि अब आपको सब समझ आ गया होगा और आप जान गए होंगे कि क्या रूपया ₹ बनेगा नई Global Currency? और इस विषय से संबंधित आपके सभी प्रश्नों के उत्तर आपको मिल गए होंगे? 


दोस्तों यदि आपके इस टॉपिक से संबंधित कोई अन्य प्रश्न हो तो आप मुझसे Comment कर पूछ सकते हैं। 



 आपको मेरी यह पोस्ट "क्या रूपया बनेगा नई Global Currency? What is Rupee Trade Settlement Mechanism In Hindi?" कैसी लगी , मुझे जरूर बताए। 


और इसी तरह की अन्य रोचक खबरों और जानकारियों के लिए Malakar Blog से जुड़े रहें।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad