दोस्तों आज हम बात करने जा रहे है, केन्द्रीय सरकार के द्वारा बनाए गए सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के बारे में।
तो आखिर क्या है यह प्रोजेक्ट और यह प्रोजेक्ट हमारे लिए किस प्रकार से महत्वपूर्ण हैं?
तो आइये दोस्तों आज इस पोस्ट के जरिए हम इसके बारे मे जानते है।
वायसराय हाउस (अब राष्ट्रपति भवन)
ये तस्वीर लूटियंस दिल्ली, जिसे हम न्यू दिल्ली के नाम से जानते हैं, की है। इस इलाक़े की स्थापना 1912 के बाद हुई जब भारत की राजधानी को अंग्रेज़ों ने कलकत्ता से शिफ़्ट कर दिल्ली बनाया था।
तस्वीर में आपको वायसराय हाउस जो कि अब राष्ट्रपति भवन कहलाता है, मुग़ल गार्डेन के साथ दिख रहा है।
इसके इलावा बाईं जानिब कौंसिल हाउस जो कभी भारत का पुराना संसद भवन था।
उस समय बीच वाली बड़ी सड़क किंग्स वे कहलाती थी, जिसे आज़ादी के बाद राज पाथ के नाम से जाना गया।
और उसी पर बना है ऑल इंडिया वॉर मेमोरियल जिसे हम इंडिया गेट के नाम से जानते हैं।
भारत सरकार द्वारा इस इलाक़े में काफ़ी बदलाव किया गया है, कई नए भवन बनाये गये हैं, और कई स्थानों के नाम बदले गये हैं।
Central Vista redevelopment project
सेंट्रल विस्टा के बारे में जानकारी
सबसे पहले हम यह जान लें की यह Central Vista क्या हैं? तो दोस्तों हम आपको बात दें। Central Vista Avenue सेंट्रल विस्टा नई दिल्ली में स्थित भारत का केंद्रीय प्रशासनिक क्षेत्र है। औपनिवेशिक युग के दौरान, प्रमुख ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने सेंट्रल विस्टा कॉम्प्लेक्स को डिजाइन किया था।
इसका उद्धाटन 1931 में हुआ था और इसमें राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, उत्तर और दक्षिण ब्लॉक और रिकॉर्ड कार्यालय (जिसे बाद में राष्ट्रीय अभिलेखागार के रूप में नामित किया गया था), इंडिया गेट स्मारक और राजपथ के दोनों ओर नागरिक उद्यान शामिल थे।
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट
सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना क्या है?
सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना की कल्पना सितम्बर2019 में की गई थी। इस पूरे प्रोजेक्ट को आने वाले 6 वर्षों तक पूरा किया जाना था।
आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय (MoHUA) सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का प्रस्तावक है।
महत्त्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना, राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक लुटियंस दिल्ली में तीन किलोमीटर तक विस्तृत है।
परियोजना में नया त्रिकोणीय संसद भवन, संसद सदस्यों के लिए कक्ष, सेंट्रल विस्टा एवेन्यू, सामान्य केंद्रीय सचिवालय के 10 भवन, केंद्रीय सम्मेलन केंद्र, राष्ट्रीय अभिलेखागार के लिए अतिरिक्त भवन, कला भवन के लिए नया इंदिरा गांधी राष्ट्रीय केंद्र शामिल है।
सुरक्षा अधिकारियों के लिए सुविधाएं और उपराष्ट्रपति, प्रधान मंत्री के लिए आधिकारिक आवास, प्रधान मंत्री कार्यालय के साथ कार्यकारी एन्क्लेव, कैबिनेट सचिवालय, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय, उत्तर और दक्षिण ब्लॉक में राष्ट्रीय संग्रहालय का स्थानांतरण आदि इस प्रोजेक्ट के हिस्सा हैं।
केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (Central Public Works Department, Government of India – CPWD) के अनुसार, नया संसद भवन, हाउस्त एस्टेट के प्लॉट नंबर 118 पर बन रहा है। यह अक्टूबर 2022 तक पूरी तरह बनकर तैयार हो जायेगा।
केन्द्रीय सचिवालय के 10 भवनों का निर्माण वर्ष 2024 तक पूरा होगा। वर्तमान नोर्थ और साउथ ब्लॉक को संग्रहालयों में बदल दिया जाएगा।
सरकार के अनुसार इस परियोजना से CPWD को दिए जाने वाले 1,000 करोड़ के किराये की बचत होगी, साथ ही साथ इसे औपनिवेशिक शासन की निशानियों से भारत के कार्यकारी और विधायी संस्थानों को छुटकारा दिलाने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है।
सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट जो की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ड्रीम प्रोजक्ट्स में से एक है। यह एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका अभी निर्माण कार्य जारी है। इसमें कई सारे भवनों का निर्माण किया जा रहा है. इनमे से कुछ भवन का निर्माण कार्य पूरा हो चूका है। यह आत्मनिर्भर भारत का प्रतिक है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 8 सितम्बर के दिन सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना (Central Vista Project) के अंतर्गत विकसित “Central Vista Avenue” का उद्घाटन किया गया। इस दौरान भारत सरकार द्वारा Central Vista Avenue में बनने वाले “राज पथ” का भी नाम परिवर्तित कर “कर्तव्य पथ” रख दिया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी जी ने इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की प्रतिमा का अनावरण भी किया।
शापूर जी पलोनजी समूह जिसकी स्थापना साइरस मिस्त्री (जिनकी एक कार दुर्घटना में दुखद मृत्यु हो गई) के पिताजी ने की थी। उनके द्वारा लगभग 477 करोड़ की अनुमानित लागत से “सेंट्रल विस्टा एवेन्यू” का कायाकल्प किया गया है।
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट
सेंटल विस्टा प्रोजेक्ट के अंतर्गत इन भवनों का निर्माण हो रहा हैं।
त्रिकोणीय संसद भवन
सामान्य केन्द्रीय सचिवालय
3 किलोमीटर का कर्त्तव्य पथ ( पुराना नाम राजपथ या kings way )
प्रधानमंत्री आवास
प्रधानमंत्री कार्यालय PMO
उपराष्ट्रपति एंक्लेव
सेंट्रल कांफ्रेंस सेण्टर
इनमे से कुछ भवन का निर्माण कार्य पूरा हो चूका है जिसका की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा 8 सितम्बर 2022 की शाम में किया जा रहा है।
नया त्रिकोणीय संसद भवन
नया त्रिकोणीय संसद भवन पार्लियामेंट हाउस स्टेट के प्लॉट नंबर 118 पर बनाया जा रहा है।
यह पूरा प्रोजेक्ट विजय चौक से लेकर इंडिया गेट तक 3 किमी. के राजपथ (अब कर्तव्यपथ ) तथा 64,500 स्क्वायर मीटर में फैला हुआ है।
संसद भवन
सेंटल विस्टा प्रोजेक्ट और संसद भवन सन 1927 को बना था। विस्टा यानी दिलकश नजारा।
पहले सेंटल विस्टा प्रोजेक्ट भारत में ब्रिटिश राज के समय बनाया गया था। इस सर एडावार्ट लुटियंस ने Design किया था। इसलिए इस Areaको लुटियंस देल्ली भी कहा जाता है। यह 95 वर्ष पुराना हो चूका है। इस तरह यहाँ के कई भवन बहुत पुराने हो चुके थे, जो कि आसुरक्षित माना जा रहा था। इस कारण इनका पुनर्निमाण करने की जरुरत पड़ी।
संसद भवन
यह Design नये स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के हिसाब से काफी पुराना हो चूका था, इसलिए सेंट्रल विस्टा रीडेवलपमेंट प्लान बनाया गया जिससे की इसे एक नया और आधुनिक स्वरुप दिया जा सके।
संसद भवन
अभी की संसद की भवन 16,844 वर्ग मीटर में फैला है तथा नया संसद भवन 20,866 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। यानी, नया भवन पुराने भवन से करीब 4 हजार वर्ग मीटर ज्यादा बड़ा है।
संसद भवन के अंदर का द्रश्य
अभी के संसद भवन में 543 संसद और 245 राज्यसभा सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। लेकिन नए संसद भवन में लगभग 1100सांसदों और सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी। इसमें सांसदों के लिए लाउंज, महिलाओं के लिए लाउंज, लाइब्रेरी, डाइनिंग एरिया जैसे कई कम्पार्टमेंट होंगे।
संसद भवन के अंदर का द्रश्य
इसके निर्माण का कार्य विश्व प्रसिद्द टाटा ग्रुप कंपनी के द्वारा 971 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। हालाँकि न्युज मीडिया के सुत्रो से जानकारी मिली है कि इसका निर्माण लगने वाले स्टील, एलेक्ट्रनिक्स व अन्य कार्यो के कारण इसका खर्च 971करोड़ से बढ़ कर अब 1200 करोड़ हो गया है।
नया संसद भवन
यह पहला ऐसा प्रोजेक्ट है, जो मोदी जी की NDA सरकार के सेंट्रल विस्टा री-डेवलपमेंट प्लान के तहत पूरा हुआ है। सेंट्रल विस्टा प्लान की घोषणा सितंबर 2019 में की गई थी। 10 दिसंबर 2020 को PM नरेंद्र मोदी ने इसकी नींव रखी थी। हालांकि यहां की कुछ इमारतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
इनमें राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, वॉर मेमोरियल, हैदराबाद हाउस, रेल भवन, वायु भवन रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का हिस्सा नहीं हैं।
राजपथ / KingsWay
इस प्रोजेक्ट के प्लान के अनुसार इंडिया गेट के दोनों तरफ नई शॉप बनाई गई हैं, जिनमें अलग-अलग राज्यों के फूड स्टॉल होंगे। मतलब अब टूरिस्ट पहले की तरह यहा लॉन में बैठकर घर से लाया खाना नहीं खा सकेंगे। इसके अलावा वेंडर भी खास जोन में ही स्टॉल लगा सकेंगे।
यहाँ पर दो नई पार्किंग भी बनाई गयी है, जिसमे 1100 से ज्यादा गाड़ियां पार्क की जा सकेंगीं। निगरानी के लिए 300 से ज्यादा CCTV कैमरे लगाए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी 8 सितंबर को सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना को उद्घाटन करेंगे।
दरअसल, दिल्ली के ऐतिहासिक राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का रीडेवलपमेंट किया गया है। अब राजपथ नाम बदल कर 'कर्तव्य पथ' कर दिया गया है।
कर्त्तव्य पथ ( पुराना नाम राजपथ )
कर्तव्य पथ जिसका पुराना नाम राजपथ हुआ करता था, जिसका की अर्थ था King's Way.। इसे ब्रिटिश राज के समय बनाया गया था।
Rajpath का नाम परिवर्तित कर कर्त्तव्य पथ कर दिया गया है, जिसे नई दिल्ली निगम द्वारा मान्यता दे दी गई है। यह राष्ट्रपति भवन के विजय चौक से इंडिया गेट तक 3.2 किमी में बनाया गया है, इसे बनाने में लगभग डेढ़ साल का समय लगा है।
संसद भवन पार्क
सेंट्रल विस्टा एवेन्यू विजय चौक से इंडिया गेट तक 3.2 किमी में फैला हुआ है। राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक राजपथ के आस-पास का इलाका हरे-भरे पेड़ों, नहरों और पार्कों से घिरा है। ये पहले से खूबसूरत था, पर अब और भी खूबसूरत हो गया है।
प्रोजेक्ट को पूरा करने में 20 हजार करोड़ रुपए लगे हैं। इसे डॉ. बिमल पटेल जी ने डिजाइन किया है।
संसद भवन पार्क
यहां रेड ग्रेनाइट से बने 15.5 किमी के वॉकवे से लेकर 16 पुल और फूड स्टाल तक की व्यवस्था की गई है। तथा वॉकवे के दोनों तरफ सेकड़ो लाइटपोल लगाये गए है,
संसद भवन पार्क
सड़क के दोनों और शॉप, राज्यों के फूड स्टॉल खुलेंगे।
यह दिल्ली का बहुत ही प्रसिद्ध सार्वजनिक जगह है, लेकिन निर्माण के समय इससे आम जनता के लिए बंद कर दिया गया था।
इसे लगभग 20 महीने बाद आम लोगों के लिए खोला जाएगा।
नेताजी सुभाषचन्द्र बोस प्रतिमा
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नेताजी श्री सुभाषचंद्र बोस जी के चरणों में पुष्प अर्पित कर उनकी भव्य प्रतिमा का अनावरण किया गया।
नेताजी श्री सुभाषचंद्र बोस जी की प्रतिमा - फोटो:- ANI
यह प्रतिमा इंडिया गेट पर स्तापित की गई है, इस मूर्ति की उचाई' 28 फिट है। मूर्ति को सिंगल ग्रेनाईट पत्थर से बनाया गया, मूर्ति बना कर के ट्रक के माध्यम से तेलंगाना से दिल्ली लाया गया। इस विशाल मूर्ति को बना कर लाने में 14 दिन का समय लगा। मूर्ति को बनाने में जैट ब्लैक ग्रेनाईट पत्थर का उपयोग किया गया है। तथा इसे बनाने में 280 मेट्रिक टन ग्रेनाईट पत्थर लगा है। इसी साल 23 जनवरी 2022 पराक्रम दिवस पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस जी का होलोग्राम तकनिक से बनी प्रतिमा का अनावरण किया गया था। तथा अब उसी स्थान पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा नेताजी सुभाषचंद्र जी की प्रतिमा का अनावरण किया गया।
इस बिल्डिंग को बनाने के लिए राजस्थान के धौलपुर जिले के सरमथुरा से बलुआ पत्थर और जैसलमेर के लाखा गाँव के ग्रेनाइट पत्थर का उपयोग किया गया है।
नागपुर से लकड़ी खरीदी गई, और लकड़ी की वास्तुकला की जिम्मेदारी मुंबई, महाराष्ट्र के कारीगरों और शिल्पकारों को सौंपी गई।
नए संसद भवन में भदोही, उत्तर प्रदेश से हाथ से बुने हुए कालीन होंगे। विदित हो कि भदोही को ‘कालीन शहर’ भी कहा जाता हैं।
यह थी नई दिल्ली शहर में बन रहे' Central Vista Redevelopment Project - सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट क्या है? के बारे में कुछ रोचक जानकारी। आशा करता हूँ की यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी।
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