NavIC: क्या हैं भारत का स्वदेशी नेविगेशन सिस्टम और क्या हैं इसका महत्व? - What is NavIC in Hindi?

NavIC

NavIC: क्या हैं भारत का स्वदेशी नेविगेशन सिस्टम और क्या हैं इसका महत्व?

NavIC|ISRO|IRNSS|GPS NAVIGATION|

Source - ISRO 

क्या है NavIC? क्या कार्य करता है? - Malakar Blog
क्या है NavIC? क्या कार्य करता है? - Malakar Blog


नमस्कार दोस्तों , Malakar Blog में आपका स्वागत है।

दोस्तों international media report के सूत्रों से ख़बर आ रही हैं कि भारत सरकार अब जल्द ही देश में निर्मित होने वाले और बेचें जाने वाले सभी मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में अपने स्वदेशी Navigation System को लाना चाहते हैं।

दोस्तों आज के आर्टिकल के ज़रिए मैं आपको बताने जा रहा हूँ, कि यह NavIC: क्या हैं भारत का स्वदेशी नेविगेशन सिस्टम और क्या हैं इसका महत्व 

और 

यह हमारे लिए किस प्रकार से जरुरी व उपयोगी हो सकता है? 

तो आइये दोस्तों जानते है - What is NavIC in Hindi?


NavIC क्या है? 

GPS - Global Positioning System
 GPS - Global Positioning System 

NavIC:-

दरअसल दोस्तों, NavIC एक प्रकार का Indian Regional Navigation Satellite System (IRNSS) यानि के भारतीय क्षेत्रीय मार्गनिर्देशन उपग्रह तंत्र है। इसका का पूरा नाम Navigation with Indian Constellation है जिसे की संक्षिप्त में NavIC कहा जाता हैं।  


यह भारत का अपना स्वयं के द्वारा विकसित किया गया पूर्णतः स्वदेसी Satellite Navigation System है। जिसका की उपयोग अधिकतर समुद्री यात्रा करने में या मछुआरो और Merchant/व्यापारी (जो समुद्री रास्तों से व्यापार करते है) उन्हें मार्गदशन/Navigation प्रदान करने में किया जाता है। 


NavIC (नाविक) एक हिन्दी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है नौका या नाव चलाने वाला। चूँकि यह नाविकों के काम आता था। इसलिए उन्ही को समर्पित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इसका नाम "नाविक" रखा। इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO द्वारा बनाया गया है। 


वर्ष 2005 में भारत सरकार के द्वारा इस प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी दी गई। और वर्ष 2013 में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत करने में पहली Satellite छोड़ी गई थी और अंतिम Satellite वर्ष 2018 में छोड़ी गई। इसमें कुल 8 Satellite छोड़ी गई जिनमे से अभी 7 कार्य कर रही है। साल 2017 में 1 सेटेलाइट का प्रक्षेपण असफल रहा था। यह सभी सातों Satellite भारत देश की सीमा रेखा के चारों ओर से और भारत के आसपास के लगभग 1500 किलोमीटर के क्षेत्र में नजर रखता है।


Navic IRNSS के उपयोग

  • स्‍थलीय, हवाई, महासागरीय दिशानिर्देशन - Terrestrial, Aerial and Marine Navigation
  • आपदा प्रबंधन -  Disaster Management
  • वाहन अनुवर्तन तथा बेड़ा प्रबंधन  - Vehicle tracking and fleet management
  • मोबाइल फोन के साथ समाकलन - Integration with mobile phones
  • परिशुद्ध काल-गणना - Precise Timing
  • मानचित्रण तथा भूगणतीय आंकड़ा अर्जन - Mapping and Geodetic data capture
  • पद यात्रियों तथा पर्यटकों के लिए  स्‍थलीय दिशानिर्देशन की सुविधा - Terrestrial navigation aid for hikers and travellers                                                                                                 
  • चालकों के लिए दृश्‍य व श्रव्‍य दिशानिर्देशन की सुविधा - Visual and voice navigation for drivers

NavIC में क्या गुण हैं? और यह GPS जीपीएस से कैसे बेहतर है?


NavIC कई तरह से जीपीएस से बेहतर है। GPS/जीपीएस अमेरिका कि अंतरिक्ष एजेंसी NASA/नासा द्वारा बनाया गया Satellite Navigation System है जिसका पूरा नाम है - Global Positioning System. 

चूंकि GPS काफी समय पहले बनाया गया था और यह काफी समय पहले विकसित की गई तकनीक पर कार्य करता है, वहीं NavIC इससे नया है, और यह नई विकसित की गई तकनीक पर काम करता है। इसमें नई तकनीक का उपयोग होने के कारण यह Navigation मे ज्यादा सटीक और ज्यादा सक्षम हैं ।

जहां GPS की सटीकता 20-30 मीटर की मानी जाती है, वही NavIC 10 मीटर तक सही व सटीक लोकेशन बता सकता है। GPS सिर्फ L-Band पर कार्य करता है जिससे की मौसम के ख़राब होने पर इसकी सटीकता बहुत कम हो जाती है, जबकि इसके विपरीत NavIC, S-Band तथा L-Band दोनों तरह के Signal को Support करता है। 

दोस्तों अभी हाल में ही पता चला है कि इसकी तकनीक को अपडेट किया गया है। जिससे कि अब यह हमें 3 से 5 मीटर तक की सटीकता से डाटा देता है। वही जीपीएस अभी भी सिर्फ 15 मीटर तक सटीक गणना कर सकता है।



अन्य देशो के नेविगेशन सिस्टम

  • Global Positioning System (GPS) - यह अमेरिकी अंतरिक्ष विज्ञान संस्था नासा द्वारा विकसित ग्लोबल पोजीशनिंग प्रणाली (जीपीएस) है। यह इस तरह की पहली प्रणाली है।

  • GLONASSइस सिस्टम को रूस के द्वारा बनाया गया है यह प्रणाली रूस के ग्लोबल ऑर्बिटिंग नैविगेशन सैटेलाइट प्रणाली का संक्षिप्त नाम है इसे कई बार ग्लोनास भी लिखा जाता है।

  • Global Navigation Satellite System (GNSS)यह सैटलाइट सिस्टम प्रणाली यूरोपीय देशों द्वारा विकसित यूरोपियन यूनियन्स गैलीलियो का संक्षिप्त रूप है

  • BeiDou Navigation Satellite System -  यह चीनी तकनीक से बना सैटेलाइट नैविगेशन सिस्टम है इस चीन द्वारा बनया गया है यह चीन का उपग्रह नौवहन प्रणाली का नाम है।

  • Quasi-Zenith Satellite System  - यह जापान देश की तकनीक द्वारा निर्मित उपग्रह नौवहन के लिए तैयार की गई प्रणाली का नाम है।


इन सभी देशों के बाद भारत ऐसा 6वां देश है जिसका स्वयं का बनाया हुआ सेटेलाइट नेविगेशन सिस्टम है। 

भारत ने NavIC क्यों बनाया?

NavIC IRNSS
NavIC IRNSS

NavIC को बनाने में और इसे अंतरिक्ष में स्थापित करने में लगभग 320 मिलियन डालर यानि करीब 2200 करोड़ का खर्च हुआ है। ऐसे में यह सवाल आता है कि GPS के होने के बाद भी क्यों इस सेटेलाइट नेविगेशन सिस्टम को बनाया गया। 


तो हम आपको यह बता दें कि 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान भारत ने अमेरिका से GPS को उपयोग करने के लिए सहायता की मांग की थी। जिससे की युद्ध क्षेत्र में पाकिस्तानी सेनिको की सटीक स्थिति का पता लगाया जा सके। लेकिन उस समय अमेरिका ने सहायता करने से इंकार कर दिया था और भारत को GPS का उपयोग करने पर रोक दिया था।


इसी कारणवश भारत ने सेटेलाइट नेविगेशन सिस्टम में आत्मनिर्भर बनने की ठानी ताकि जरुरत पड़ने के समय हमारे पास भी इस तरह की सुविधा उपलब्ध हो। 

NavIC हमारे लिए किस तरह जरुरी व उपयोगी है ?

दोस्तों अभी तक हम जिन भी मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग करते आ रहे है। वें सभी जीपीएस का उपयोग करते है। अब क्योंकि GPS विदेशी नेविगेशन सिस्टम है इसलिए इसका डाटा का सर्वर भारत के बाहर होता है। ऐसे में हमारी स्थिति का डाटा बाहर के देशो के सर्वर सिस्टम में जमा किया जाता है। जिस कारण हमारा डाटा की सुरक्षा पर हमेशा खतरा बना रहता हैं। क्योंकि हमारे इस डाटा को चोरी कर उसका उपयोग बाहरी कंपनिया अपने फायदे के लिए कर सकती है।

हम लोग तथा भारत की कंपनिया भी जीपीएस पर ही निर्भर है। ऐसे में भारत सरकार का कहना है कि हमें भी दुसरे देशों की तरह नेविगेशन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना चाहिए। इसलिए दोस्तों अब आने वाले समय में भारत में उपयोग किए जाने वाले सभी मोबाइल फ़ोन और डिवाइस "NavIC" नेविगेशन सिस्टम पर कार्य करेगे। 

दोस्तों यह NavIC नेविगेशन सिस्टम काफी सटीकता से जानकारी उपलब्द करवाता है जो कि बहुत ही जरुरी होता है। अब यदि हमे कही भी जाना है तो यह हमारे गंतव्य का सही पता और रास्ते का सही दिशा निर्देश उपलब्ध करवाएगा।


FAQ's 

अधिकांश पूछे जाने वाले प्रश्न 


Q. NavIC का फुल फॉर्म क्या है?

इसका का पूरा नाम Navigation with Indian Constellation हैं।

Q. इसरो द्वारा विकसित भारतीय जीपीएस प्रणाली का नाम क्या है?

Indian Regional Navigation Satellite System (IRNSS) अर्थात भारतीय क्षेत्रीय मार्गनिर्देशन उपग्रह तंत्र है।

Q. भारत में जीपीएस कितना सटीक है?

NavIC, S-Band तथा L-Band दोनों तरह के Signal को Support करता है  यह 3 से 5 मीटर तक सटीकता से डाटा देता है। वही जीपीएस अभी भी सिर्फ 15 से 20 मीटर तक सटीक गणना कर सकता है।


Conclusion


दोस्तों, ISRO द्वारा बनाया गया NavIC system आने वाले समय में जन जन तक अपनी सेवा प्रदान करेगा। NavIC एक उन्नत तकनीक से बना Navigation System हैं जो भारत के नव निर्माण कार्य और विकास में सहायक सिद्ध होगा। साथ ही हमें भी अपने दैनिक जीवन में Navigation System की आवश्यकता होती हैं। इसे में NavIC हमारे लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगा। उम्मीद हैं कि यह Navigation System जल्द ही भारत में बनाए जानें वाले सभी स्मार्टफोन में शामिल किया जाएगा।


तो दोस्तों यह थी NavIC के बारे में एक छोटी सी जानकारी, आशा करता हूँ कि आपको यह यह आर्टिकल What is NavIC in Hindi पसंद आया होगा। 

अगर आपके मन में NavIC के बारे में कोई भी सवाल या विचार है तो आप comment के माध्यम से वह हमसे साझा कर सकते है

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