Mahakal Lok / महाकाल लोक
Mahakal Lok /महाकाल लोक - Malakar Blog |
जय श्री महांकाल दोस्तों, एक बार फिर Malakar Blog में आपका स्वागत है।
दोस्तों आज मैं आपको बताने जा रहा हूं, मध्य प्रदेश में स्तिथ विश्व के प्राचीन नगरों में प्रसिद्ध शहर उज्जैन में बने महाकाल कोरिडोर या महाकाल लोक निर्माण के बारे में।
भारत के स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत उज्जैन में Mahakal Mandir Corridor का निर्माण किया गया है। 11 अक्तूबर को उज्जैन शहर में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा इसका लोकार्पण किया जायेगा।
महाकालेश्वर मन्दिर - Malakar Blog |
दोस्तो अब यदि आप उज्जैन आएंगे तो यहां Mahakal Lok महाकाल लोक एवं Mahakal Mandir में Mahakal Darshan के साथ-साथ पूरे शहर में घूमने के लिए आपको लगभग दो दिनों का समय निकालना होगा। "उज्जैन में कम से कम दो दिन गुजारें" यह नई टैग लाइन उज्जैन जिला प्रशासन ने दी है।
Highlight :- |
- महाकाल लोक लोकार्पण के लिए तैयार
- भारत के स्मार्ट सिटी मिशन में बनने वाली सबसे बड़ी सार्वजनिक स्थान के विकास की परियोजना
- 11 अक्तूबर को उज्जैन में प्रधानमंत्री मोदी तीन कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
उज्जैन: 11 अक्टूबर 2022
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान |
Mahakal Lok /महाकाल लोक लोकार्पण के लिए तैयार - उज्जैन में भव्य उत्सव आरम्भ
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी ने कहा है कि, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा Mahakal Lok का भव्य लोकार्पण किया जायेगा जिससे कि मध्यप्रदेश और पुरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण कार्य को किया जा रहा है। महाकाल लोक में ऐसे आकर्षक और सुविधाजनक मंदिर परिसर का निर्माण किया गया है, जो कि आनंद की आलौकिक अनुभूति करवाएगा।
महाकाल लोक परियोजना की रुपरेखा एवं विकास की योजना, उज्जैन स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत उज्जैन जिला प्रशासन, उज्जैन विकास प्राधिकरण, उज्जैन नगर निगम, महाकाल मंदिर ट्रस्ट और IPE ग्लोबल के सहयोग से तैयार की गई है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी 11 अक्टूबर को शाम ठीक 5:30 बजे उज्जैन पहुचेंगे। और अमृत सिद्धि योग में Mahakal Mandir में महाकाल का पूजन करेंगे। उसके बाद श्री महाकाल लोक Mahakal Lok का निरीक्षण कर नंदी द्वार से लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री जी महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद मां शिप्रा नदी के किनारे पर स्थित कार्तिक मेला ग्राउंड पर लगभग 1 लाख से अधिक संख्या में उपस्थित जनसभा को संबोधित करेंगे।
यह परियोजना भारत के स्मार्ट सिटी मिशन में बनने वाली सबसे बड़ी सार्वजनिक स्थान के विकास की परियोजना है। इस परियोजना से शहर की सुन्दरता पर और शहर की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
महाकाल लोक |
दो चरणों में बनाए जा रहे महाकाल लोक के प्रथम चरण में ₹355 करोड़ रुपये का काम पूरा हो चुका है। तथा कुल ₹850 करोड़ रुपये के काम किया जाना बाकि है, जिसमें अब दूसरे चरण में ये काम किए जाएंगे।
उlज्जैन ही एकमात्र ऐसा शहर है, जिसे देश के 12 शहरों में से CITIIS प्रोग्राम के तहत फ्रेंच विकास एजेंसी ने फंडिंग के लिए चुना है।
प्रथम चरण के तहत पैदल यात्री, भीड़ प्रबंधन, तीर्थ यात्री सुविधाएं, संस्कृति और विरासत सुरक्षा एवं पर्यावरण को ध्यान रखकर ही मंदिर विस्तार की योजना बनाई गई है। इस] परियोजना का दूसरा चरण आगामी एक साल में पूरा किया जाएगा। शहर में पर्यटकों का आवागमन सालाना लगभग डेढ़ करोड़ है। अब उम्मीद है यह संख्या बढ़कर 3 करोड़ हो जाएगी। इससे शहर की इकॉनमी में डायरेक्ट ₹300 करोड़ की वृद्धि होगी। महाकाल लोक के विकास का लाभ उज्जैन के साथ-साथ सम्पूर्ण मालवा-निमाड़ क्षेत्र को मिलेगा। उज्जैन-इंदौर-खंडवा(ओंकारेश्वर)-खरगोन (महेश्वर) सर्किट की वजह से सम्पूर्ण इलाके का महत्त्व काफी बढ़ जाएगा। तीर्थ यात्री यहां पर ज्यादा समय व्यतीत कर सकेंगे।
महाकाल लोक |
महाकाल लोक में एक समय में लगभग 20 हजार तीर्थ यात्री आ सकते हैं। इसमें दो द्वार, मूर्तियों के साथ लैंडस्केप, गार्डन क्षेत्र, रूद्रसागर तट क्षेत्र, शिव स्तम्भ, सप्तऋषि स्थापित हैं। यहां ओपन एयर थियेटर और मुक्त आकाश मंच भी है। यहां फ़ूड कोर्ट, हस्तशिल्प कलाकृति, धार्मिक वस्तुओं एवं फूलों की करीब 150 दुकानों का निर्माण किया गया है। तथा 500 कार की क्षमता वाली पार्किंग के साथ ई-रिक्शा की सुविधा भी है।
महाकाल की नगरी उज्जैन में रंगारंग कार्यक्रम |
बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में दीपावली के 15 दिनों पहले से ही रंगारंग कार्यक्रम आरम्भ] हो गए हैं। गुरुवार से हर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसके बाद शुक्रवार शाम को 1500 दीप जलाए गए। और रामलीला का आयोजन किया गया। मां शिप्रा के राम घाट पर महाआरती के साथ कलाकरों ने कालबेलिया नृत्य व लालटेन उत्सव प्रस्तुति दी। इसके साथ ही शास्त्री नगर ग्राउंड में भगवान शिव पर आधारित लेजर शो व लाइट एंड साउंड महाकाल गाथा महानाट्य आयोजन किया गया।
उज्जैन में सिंहस्थ मेले के हिसाब से भी तैयारी की गई है। जब एक साथ श्रद्धालु यहां शाही स्नान वाले दिन बाबा के दर्शन करने Mahakal Mandir परिसर में पहुचेंगे तब अन्दर भीड़ होने पर मंदिर परिसर के बाहर ही उन्हें रोका जा सकेगा और इस Mahakal Lok में वे घूमकर आएंगे, जिससे भीड़ का नियंत्रण भी हो जाएगा।
श्री महाकाल लोक - उज्जैन|| Video - Kanak News - सौजन्य से
इंदौर नगर निगम से कर्मचारियों और अधिकारियों की टीम को बुलाया गया
उज्जैन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दौरे को ऐतिहासिक बनाने की जोरदार तैयारी चल रही है। प्रधानमंत्री के काफिला के रूट को सुंदर और आकर्षक बनाने के लिए इंदौर नगर निगम से कर्मचारियों और अधिकारियों की टीम को बुलाया गया है।
इंदौर नगर निगम अधिकारी रामनाथ यादव ने बताया कि सड़क मार्ग के दोनों तरफ साफ सफाई का विशेष प्रबंध किया जा रहा है। बीच में डिवाइडर के गार्डन को खूबसूरत बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री के लिए विशेष हेलीपैड का निर्माण भी किया जा रहा है। सड़क के प्रमुख क्षेत्रों को रंगोली से सजाया जाएगा। इंदौर नगर निगम की टीम चार दिनों तक उज्जैन में डटी रहेगी। प्रधानमंत्री का दौरा समाप्त होने के बाद इंदौर नगर निगम की टीम उज्जैन से रवाना होगी।
11 अक्तूबर को उज्जैन में प्रधानमंत्री मोदी कार्यक्रमों में शामिल होंगे
महाकाल लोक का लोकार्पण करने के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी Mahakal Mandir के गर्भगृह में आशीवार्द प्राप्त करेंगे। बाबा महाकाल से आशीवार्द लेकर पीएम मोदी आम जनसभा को संबोधित करेंगे। उज्जैन में 20 किलोमीटर तक के सड़क मार्ग से पीएम मोदी का काफिला गुजरेगा।
पीएम मोदी का काफिला हेलीपैड से इंजीनियरिंग कॉलेज और महामृत्युंजय द्वार होते हुए Mahakal Lok महाकाल लोक की ओर जाएगा। रामघाट पर आयोजित आमसभा को पीएम मोदी संबोधित करेंगे। उज्जैन में 20 किलोमीटर तक सड़क मार्ग को किसी दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। शहर में 75 बड़े स्थानों पर विद्युत सज्जा कि गयी है। लोगों से घरों और प्रतिष्ठानों में दीप लगाने की अपील की जा रही है। 11 अक्टूबर के उद्घाटन समारोह को दीपोत्सव की तरह मनाएं जायेगा।
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उज्जैन महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग के बारें में कुछ रोचक तथ्य व जानकारी...
महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन |
उज्जैन। मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन नगर में स्थित महाकालेश्वर मंदिर विश्व विख्यात हैं। यह मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ज्योतिर्लिंग मतलब वह स्थान जहां भगवान शिव स्वयं प्रकट होकर स्थापित हुए थे। पुराणों, महाभारत और कालिदास जैसे महाकवियों की रचनाओं में इस मंदिर का मनोहर वर्णन मिलता है। पुराणों में शिव का नाम ‘रुद्र’ रूप में आया है। रुद्र संहार के देवता और कल्याणकारी हैं। विष्णु की भांति शिव के भी अनेक अवतारों का वर्णन पुराणों में प्राप्त होता है। शिव की महत्ता पुराणों के अन्य सभी देवताओं में सर्वाधिक है। जटाजूटधारी, भस्म भभूत शरीर पर लगाए, गले में नाग, रुद्राक्ष की मालाएं, जटाओं में चंद्र ,गंगा की धारा, हाथ में त्रिशूल एवं कटि में बाघम्बर और नंगे पांव रहने वाले शिव कैलास धाम में निवास करते हैं। माँ पार्वती उनकी पत्नी अथवा शक्त्ति है। तथा श्री गणेश व कार्तिकेय उनके पुत्र हैं।
ऐसा कहा जाता है कि जब सृष्टी का निर्माण हुआ था। उस समय सूर्य की पहली 12 रश्मियां धरती पर गिरी। उनसे 12 ज्योर्तिलिंग का बने। उज्जैन महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग भी सूर्य की पहली 12 रश्मियों से ही निर्मित हुआ। तब से बाबा महाकालेश्वर की पूजन उज्जैन में होती हैं। उज्जैन की पूरी भूमि को उसर भूमि कहा जाता है। यानी शमशान की भूमि। भगवान महाकाल का मुख दक्षिण दिशा की ओर है, इसलिए भी तंत्र क्रियाओं की दृष्टी से उज्जैन महाकाल मंदिर का बेहद खास महत्व है। महाकाल की नगरी में हरसिद्धी, कालभैरव, विक्रांतभैरव आदि भगवान विराजमान है। उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर परिसर में कई देवी-देवाताओं के कई मंदिर हैं। महाकाल बाबा के दर्शन के लिए मुख्य द्वार से गर्भग्रह तक कतार में लगकर श्रद्धालु पहुंचते हैं।
उज्जयिनी के श्री महाकालेश्वर भारत में बारह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। महाकालेश्वर मंदिर की महिमा का विभिन्न पुराणों में विशद वर्णन किया गया है। कालिदास से शुरू करते हुए, कई संस्कृत कवियों ने इस मंदिर को भावनात्मक रूप से समृद्ध किया है। उज्जैन भारतीय समय की गणना के लिए केंद्रीय बिंदु हुआ करता था और महाकाल को उज्जैन का विशिष्ट पीठासीन देवता माना जाता था। समय के देवता, शिव अपने सभी वैभव में, उज्जैन में शाश्वत शासन करते हैं। महाकालेश्वर का मंदिर, इसका शिखर आसमान में चढ़ता है, आकाश के खिलाफ एक भव्य अग्रभाग, अपनी भव्यता के साथ आदिकालीन विस्मय और श्रद्धा को उजागर करता है। महाकाल शहर और उसके लोगों के जीवन पर हावी है, यहां तक कि आधुनिक व्यस्तताओं के व्यस्त दिनचर्या के बीच भी, और पिछली परंपराओं के साथ एक अटूट लिंक प्रदान करता है। भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, महाकाल में लिंगम (स्वयं से पैदा हुआ), स्वयं के भीतर से शक्ति को प्राप्त करने के लिए माना जाता है, अन्य छवियों और लिंगों के खिलाफ, जो औपचारिक रूप से स्थापित हैं और मंत्र के साथ निवेश किए जाते हैं- शक्ति। महाकालेश्वर की मूर्ति दक्षिणमुखी होने के कारण दक्षिणामूर्ति मानी जाती है। यह एक अनूठी विशेषता है, जिसे तांत्रिक परंपरा द्वारा केवल 12 ज्योतिर्लिंगों में से महाकालेश्वर में पाया जाता है। महाकाल मंदिर के ऊपर गर्भगृह में ओंकारेश्वर शिव की मूर्ति प्रतिष्ठित है। गर्भगृह के पश्चिम, उत्तर और पूर्व में गणेश, पार्वती और कार्तिकेय के चित्र स्थापित हैं। दक्षिण में नंदी की प्रतिमा है। तीसरी मंजिल पर नागचंद्रेश्वर की मूर्ति केवल नागपंचमी के दिन दर्शन के लिए खुली होती है। महाशिवरात्रि के दिन, मंदिर के पास एक विशाल मेला लगता है, और रात में पूजा होती है।
महाकालेश्वर मंदिर के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए आप मंदिर की Official Website - Shree Mahakaleshwar Temple, Ujjain
https://shrimahakaleshwar.com पर जा सकते है। तथा live Mahakal Darshan के लिए आप mahakaleshwar.nic.in live पर जा सकते है।
उज्जैन कैसे पहुंचे?
उज्जैन जाने के लिए आप 3 तरह के मार्गो का उपयोग कर सकते है
वायु मार्ग
देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डा इंदौर |
यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डा इंदौर यहाँ से 53 किमी दूर स्थित है। यहाँ से दिल्ली, मुंबई, पुणे, जयपुर, हैदराबाद और भोपाल की नियमित उड़ानें हैं।
रेल मार्ग
उज्जैन रेल्वे स्टेशन |
उज्जैन पश्चिम रेलवे जोन का एक महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शन है। यहाँ का UJN कोड है । यहाँ से कई बड़े शहरों जैसे इंदौर, भोपाल, रतलाम, ग्वालियर, दिल्ली, अहमदाबाद के लिए ट्रेन उपलब्ध हैं।
सड़क मार्ग
उज्जैन बस स्टैन्ड |
यह की नियमित बस सेवाएं उज्जैन को राज्य मार्ग द्वारा इंदौर, भोपाल, रतलाम, ग्वालियर, मांडू, धार, कोटा और ओंकारेश्वर (खंडवा) आदि से जोड़ती हैं।
अच्छी सड़कें उज्जैन को अहमदाबाद (402 किलोमीटर), भोपाल (183 किलोमीटर), मुंबई (655 किलोमीटर), दिल्ली (774 किलोमीटर), ग्वालियर (451 किलोमीटर), इंदौर (53 किलोमीटर) और खजुराहो (570 किलोमीटर) से जोड़ती हैं।
यह थी मध्य प्रदेश के विश्व प्रशिद्ध शहर उज्जैन में महाकाल कोरिडोर में बने महाकाल लोक की।
Mahakal Lok /महाकाल लोक लोकार्पण के लिए तैयार - उज्जैन में भव्य उत्सव आरम्भ हो चुका हैं।
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